Monday, 4 January 2016

अगर अपना देश ऐसा बन जाए

लोकतंत्र हो या प्रजातंत्र
अपने देश में चलता है भ्रष्ट-मंत्र,
जनता देश की भूखी है
नेताओं के घर भरें है,
इमानदार अकेले खड़े हैं,
बेईमानों के दल बने हैं
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गुन्हेगार नेताओं की गोद में पलते हैं
बेगुनाह यहाँ जेलों में सड़ते हैं
जान-पहचान है तो सब हासिल है,
और गरीब का यहाँ हाल बद्द्तर है
गरीब के पास सब होते हुए भी चालान कटते हैं,
जान-पहचान वाले बिन हेलमेट चलते हैं
मौत कोई भेदभाव नहीं करती तो
ये वर्दी वाले क्यूँ भेद भाव करते हैं
पैसे वाले का आज बोलबाला है,
गरीब के मुँह पर ताला है,
कानून बनाने वाले कानून तोड़ते हैं,
हर जुर्म को पैसों में तोलते हैं
सात साल की सज़ा पाते हैं बलात्कारी
जेल से निकलते हैं बनकर सरकारी
बलात्कारी को क्यूँ नहीं देते ऐसी सज़ा कि
ज़िन्दगी में ना कर सके वो ऐसी खता
खुनी को ना तुम माफ़ करो
ऐसी गन्दगी को दुनिया से साफ़ करो
पैसे वाले कानून को समझते हैं अपनी दासी
भ्रष्टाचारी को क्यूँ नहीं देते फांसी
अगर अपना देश ऐसा बन जाए,
तो दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति पाए


Sunday, 3 January 2016

शायरी से गुजर नहीं होता ये अलग दौर है

घुंघरू टूट गए पायल के फिर भी कैसा शौर है,
घर में भी सलामत नहीं इंसान ये कैसा दौर है
रात अब ख़त्म हुई सूरज उगने वाला है,
दिलों से अँधेरा ना मिटा ये कैसा भोर है
जाले हटा दिये घर के, मेहमान आएगा कोई,
सवेरे से मुंडेरे पर काग कर रहा शौर है
बेरोजगार फिरता रहता है गलियों में ’प्रवेश’,
शायरी से गुजर नहीं होता ये अलग दौर है

Friday, 1 January 2016

गरीबी क्या है

फूटपाथ पर रहते लोगों को जब भूखे सोते देखा,
व्याकुल होकर तब मैंने सिर्फ इतना ही सोचा
कि गरीबी क्या है..........................................
भीख मांगते बच्चे जब गाली खाकर चुप हो जाते हैं,
इन्हें देखकर दिल में मेरे सिर्फ यही ख्याल आते हैं
कि गरीबी क्या है..........................................
रेहड़ी वाले मजदूरों से जब पुलिस वाले कमिशन खाते हैं,
गरीब मजदूरों के चेहरे बस यही पूछते रह जाते हैं
कि गरीबी क्या है..........................................
पेट भरने की खातिर जब औरत तन बेचने लगती है,
प्रकृति भी शायद हमसे यही पूछना चाहती है
कि गरीबी क्या है..........................................
किसी को पता हो तो मुझे भी बता दे
मैं भी बस यही जानना चाहता हूँ
कि गरीबी क्या है..........................................