Wednesday, 2 December 2015

हर रात के बाद सवेरा होता है

कितनी रातें बीत गई मैं सोया नहीं,
आँखें सूख गई पर मैं रोया नहीं,
इतना करके भी मैं कुछ पाया नहीं,
मेरा दरवाज़ा खटखटाने कोई आया नहीं,
इन्तजार करना कितना बुरा होता है,
पर हर रात के बाद सवेरा होता है
|
दिन में भी मैंने ख्वाबों को सजाया,
आँख खुली तो कुछ भी ना पाया,
जो कहता था मैं हूँ तेरा हमसाया,
उसका भी मैंने कोई निशाँ नहीं पाया,
ज़िन्दगी का पन्ना मेरा कोरा रहता है,
पर हर रात के बाद सवेरा होता है
जब मेरे यहाँ कभी रात आती है,
साथ अपने ग़मों की बरसात लाती है,
जुगनू की रौशनी भी हमें सताती है,
पर हमेशा लबों पर एक बात आती है,
यहाँ रात में भी कहाँ अँधेरा होता है,
पर हर रात के बाद सवेरा होता है |


Parvesh Kumar

कभ-कभी हैरान करे ज़िन्दगी

कभी-कभी आसान लगे ज़िन्दगी,
कभ-कभी हैरान करे ज़िन्दगी
,
पर अब तो रोज परेशान करे ज़िन्दगी

दूर उस खाली मैदान में कभी,
हँसते थे घंटो खेलते थे
,
पर आज वहां पैर रखने को जगह नहीं
पहले सुबह ताज़ी हवा खाते थे
पर अब हवा जहाँ से गुजरती है
वहां हर जगह ढेर हो गए गन्दगी
|
जमीं हो रही है रोज छोटी
जनसँख्या इस कदर बढ़ रही
कि इंसान को इंसान की कदर नहीं

मानवता ने प्राण त्याग दिये
इंसानियत कब्र पर लेट गई
अब सब खत्म हो गई बंदगी
मेरी हस्ती ऐसे खत्म हुई
मेरी परछाई मुझसे कहने लगी
अजनबी हो तुम भी अजनबी है हम भी
नफरत पलने लग गई दिल में
रिश्ते नाते सब भूल गया
अकेला रहना चाहा मैंने हर कहीं
अकेला रहकर हो गया परेशान
चैन नहीं है अब सुबह शाम
जीने का बचा अब कोई अर्थ नहीं
मौत को पाने की चाहत में
सवाल पूछा ख़ुदा से हर घड़ी
ऐ ख़ुदा क्यूँ दी है मुझे ज़िन्दगी


Parvesh Kumar

Monday, 30 November 2015

जो भी संघर्ष से लड़ा है

मत सोच कि तेरा दुःख बड़ा है
देख ख़ुदा तेरे साथ खड़ा है,
जो भी संघर्ष से लड़ा है
वही हिमालय चोटी पे चढ़ा है
अभी तेरी कोशिश थोड़ी अधूरी है,
पर ख़ुदा को याद करना भी जरूरी है
लड़ते-लड़ते रुक मत जाना,
मुसीबतों से कभी ना घबराना
ख़ुशी से गा तू कोई तराना,
कि देखता रह जाये ज़माना.
कुछ करने की इच्छा तेरी पूरी है,
पर ख़ुदा को याद करना भी जरूरी है
चलता रह तू सीना तान
डर कर तू हार ना मान,
लड़ना ही है तेरी शान
जब तक है शारीर में जान
बस मंजिल से थोड़ी सी दूरी है,
पर ख़ुदा को याद करना भी जरूरी है
देख तेरी मंजिल आ गई,
हर मुसीबत तुझसे घबरा गई,
खुशियों की बूंदे आ गई,
एक ताकत है तुझमे समां गई.
कोशिश हुई तेरी आज पूरी है,
पर ख़ुदा को याद करना भी जरूरी है


Parvesh Kumar