Wednesday, 10 February 2016

दिल भी मेरा टूटा



जलता हुआ अंगारा कोई दिलपर रख गया
मेरी मोहब्बत को कोई बेवफ़ा बनकर डस गया
,
मैं मस्त था इश्क़ की बद्नाम गलियों में
दिल भी मेरा टूटा दाग भी मुझपर लग गया
,
अब दाग छुपाऊँ या दिल जोडूँ मुश्किल में हूँ
इस कदर मोहब्बत से मेरा विश्वास उठ गया |

Tuesday, 9 February 2016

रात भर तेरा नाम लेता रहता है


आँखों में एक अब ख्वाब रहता है
मेरा कातिल अब बेनकाब रहता है,
उधार की हो गई है ज़िन्दगी भी
दिल भी धडकनों का हिसाब रखता है,
बेवफ़ा से जाकर कहदो कोई
‘प्रवेश’ अब भी प्यार बेशुमार करता है,
माना उन्हें जख्म देने का शौक है
मगर ये शख्स दर्दे-दिल की दवा रखता है,
सूख गए हैं सूरज से समंदर भी
मगर आँखों से पानी बहता रहता है,
खामोश रहता है अब दिन भर वो
मगर रात भर तेरा नाम लेता रहता है |

Monday, 8 February 2016

बनावटी मुस्कान लिए फिरता है



तन्हा वीरानों में दुनिया कितनी हसीन है
ना डर, ना खौफ, ना कोई जुर्म संगीन है
,
भीड़ में डरती है हर सांस मेरी
ना अपना आसमां है ना अपनी जमीन है,
ख़ुदा ने जितने इंसान बनाये शैतान हो गए
ये धरती हमारी अब गुनाहों की आस्तीन ह
,
बनावटी मुस्कान लिए फिरता है हर चेहरा
मगर अन्दर से हर दिशा गमगीन है
,
सोचता हूँ चीर दूं मैं सीना धरती का
देखना है भीतर से ये और कितनी हसीन है
|