जलता हुआ अंगारा कोई दिलपर
रख गया
मेरी मोहब्बत को कोई बेवफ़ा बनकर डस गया,
मैं मस्त था इश्क़ की बद्नाम गलियों में
दिल भी मेरा टूटा दाग भी मुझपर लग गया,
अब दाग छुपाऊँ या दिल जोडूँ मुश्किल में हूँ
इस कदर मोहब्बत से मेरा विश्वास उठ गया |
मेरी मोहब्बत को कोई बेवफ़ा बनकर डस गया,
मैं मस्त था इश्क़ की बद्नाम गलियों में
दिल भी मेरा टूटा दाग भी मुझपर लग गया,
अब दाग छुपाऊँ या दिल जोडूँ मुश्किल में हूँ
इस कदर मोहब्बत से मेरा विश्वास उठ गया |
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