Tuesday, 22 March 2016

मौत मुझे मेरी ही जान दे गई



हर एक राह मुझे दगा दे गई,
ज़िन्दगी जाते जाते सज़ा दे गई
|
आँखों में अश्कों का मंजर देखकर,
मौत भी वादा-ए-वफ़ा दे गई
|
तोहफे देने का अजीब शौक था उसको,
मुझे तोहफे में दो गज जगह दे गई
|
ना रो सकूं ना सो सकूं मैं,
एक ऐसा वीरान लम्हा दे गई
|
धुआं धुआं हो गए अरमान मेरे,
कब्र मेरी ऐसे शमशान दे गई
|
खून के सागर अब तेज़ाब हो गए,
मौत मुझे मेरी ही जान दे गई
|

Monday, 21 March 2016

जिन्दगी जीने के चक्कर में ये हाल हुआ



साहिल पे लिखा नाम लहरों ने मिटा दिया ,
मुफ़लिसी आई इस ने मेरा वज़न घटा दिया।
उसने सोचा सिर्फ़ वही कर सकती है बेवफाई,
उसके छोड़ने से पहले मैंने दूसरी को पटा लिया ,
देख लिया एक दिन बीवी ने मुझे उस के साथ ,
मैंने झट उसे अपनी मुहबोली बहन बना लिया।
जिन्दगी जीने के चक्कर में ये हाल हुआ,
कभी किसी से पिटा कभी किसी से मजा लिया।

Sunday, 20 March 2016

मेरा देश मुझे भारत देना


हे प्रभु कलयुग में कौरव पांडव में बन जाए तो ठीक वरना,
हमें एक और कृष्ण देना हमें एक और महाभारत देना।
मैं सारी जिम्मेदारी औढ कर निकल तो लिया घर से,
भटक जाऊँ अगर तो प्रभु रात को यही इमारत देना।
जैसी भी है रूखी सूखी, रोटी अपने घर की ही भली है,
मुझे जितने भी जन्म देना मेरा देश मुझे भारत देना।