Tuesday, 22 March 2016

मौत मुझे मेरी ही जान दे गई



हर एक राह मुझे दगा दे गई,
ज़िन्दगी जाते जाते सज़ा दे गई
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आँखों में अश्कों का मंजर देखकर,
मौत भी वादा-ए-वफ़ा दे गई
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तोहफे देने का अजीब शौक था उसको,
मुझे तोहफे में दो गज जगह दे गई
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ना रो सकूं ना सो सकूं मैं,
एक ऐसा वीरान लम्हा दे गई
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धुआं धुआं हो गए अरमान मेरे,
कब्र मेरी ऐसे शमशान दे गई
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खून के सागर अब तेज़ाब हो गए,
मौत मुझे मेरी ही जान दे गई
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