अच्छाई और बुराई में फर्क है क्या
ये मैं बिलकुल नहीं जानता,
करता हूँ मैं हर वो काम
मेरा दिल जो ठीक मानता,
कोई पूछता है जब मुझसे मेरा नाम
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
हाथ में कागज़, कलम लेकर
मैं दुनिया को देखता हूँ,
इसकी खातिर हर चौक-चौराहे
फूटपाथ पर भी बैठता हूँ,
कोई पूछता है जब मुझसे मेरा काम
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
मैं रोते को देखकर हँसता हूँ,
तो कभी-कभी साथ में ही रो देता हूँ,
कभी-कभी तो अपना साथ छोड़कर
मैं किसी और के साथ हो लेता हूँ,
कोई पूछता है मैं कैसा हूँ इंसान
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
मैं खुद भी कभी लड़ता हूँ,
बिन बात लोगों से झगड़ता हूँ,
कसूर बेशक हो मेरा ही
मैं खुद को ही ठीक समझता हूँ,
कोई पूछता है क्या तू है शैतान
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
दुनिया में अपराध देखकर
खुद से मैंने यही पूछा,
क्या तू है सही या
तू भी है इन सबके जैसा
मेरे अन्दर हो गया सब सुनसान,
मैं इतना ही कह पाया.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
ये मैं बिलकुल नहीं जानता,
करता हूँ मैं हर वो काम
मेरा दिल जो ठीक मानता,
कोई पूछता है जब मुझसे मेरा नाम
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
हाथ में कागज़, कलम लेकर
मैं दुनिया को देखता हूँ,
इसकी खातिर हर चौक-चौराहे
फूटपाथ पर भी बैठता हूँ,
कोई पूछता है जब मुझसे मेरा काम
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
मैं रोते को देखकर हँसता हूँ,
तो कभी-कभी साथ में ही रो देता हूँ,
कभी-कभी तो अपना साथ छोड़कर
मैं किसी और के साथ हो लेता हूँ,
कोई पूछता है मैं कैसा हूँ इंसान
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
मैं खुद भी कभी लड़ता हूँ,
बिन बात लोगों से झगड़ता हूँ,
कसूर बेशक हो मेरा ही
मैं खुद को ही ठीक समझता हूँ,
कोई पूछता है क्या तू है शैतान
मैं कहता हूँ.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
दुनिया में अपराध देखकर
खुद से मैंने यही पूछा,
क्या तू है सही या
तू भी है इन सबके जैसा
मेरे अन्दर हो गया सब सुनसान,
मैं इतना ही कह पाया.............
मैं हूँ रावण मैं हूँ राम |
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