Wednesday, 6 April 2016

अजीब शख्स है जो हमसे प्यार करता है



अजीब शख्स है जो हमसे प्यार करता है
वरना ऐसे भी कोई किसी का इन्तजार करता है
,
देखकर जिसे हम अब फेरते है निगाहें
वो हमारे इश्क़ में जीता है न मरता है,
बेवफ़ा नहीं हैं, हम भी हालात के मारे हैं
दिल में हमारे भी अब दर्द सा रहता है
,
वो उधर बैचेन है खातिर हमारे ही
इधर हमारा दिल परेशां-परेशां रहता है
,
तडपना नसीब है हमारा, ऐसे ही रहने दो
मिलने के लिए शायद मरना पड़ता है
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