खुशियाँ मेरी मुझसे
मुह मोड़ कर गई
बीच सफ़र में अकेला मुझे छोड़कर गई |
जिसने किया था वादा मुझसे सात जन्मो का
वो मुझसे इसी जन्म में रिश्ता तोड़ कर गई |
टूट गए अब मेरे ख्वाबों के शीश-महल
जाते जाते गम से मेरा नाता जोड़ कर गई |
मयखाना, शराब और मौत मेरी दवाई है
इन्ही आसरों के सहारे वो मुझे छोड़ कर गई |
बीच सफ़र में अकेला मुझे छोड़कर गई |
जिसने किया था वादा मुझसे सात जन्मो का
वो मुझसे इसी जन्म में रिश्ता तोड़ कर गई |
टूट गए अब मेरे ख्वाबों के शीश-महल
जाते जाते गम से मेरा नाता जोड़ कर गई |
मयखाना, शराब और मौत मेरी दवाई है
इन्ही आसरों के सहारे वो मुझे छोड़ कर गई |
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