जब अपने अपनों से खार रखते हैं
दिलो की आग से अपने ही घर जलते हैं |
जो तोड़ चुके हैं दिल मेरा
उन्ही से हम अब भी प्यार करते हैं |
बरसे हैं मेरे आँगन में अंगारे
उनपर पैर रखकर हम रस्ता पार करते हैं |
पड़ गए हैं तलवों में छाले अब,
हम उनको भी प्यार में शुमार करते हैं |
कोई इल्जाम ना लगाये बेवफाई का उसपर,
इसलिए सनम बेवफ़ा से भी हम प्यार करते हैं |
दिलो की आग से अपने ही घर जलते हैं |
जो तोड़ चुके हैं दिल मेरा
उन्ही से हम अब भी प्यार करते हैं |
बरसे हैं मेरे आँगन में अंगारे
उनपर पैर रखकर हम रस्ता पार करते हैं |
पड़ गए हैं तलवों में छाले अब,
हम उनको भी प्यार में शुमार करते हैं |
कोई इल्जाम ना लगाये बेवफाई का उसपर,
इसलिए सनम बेवफ़ा से भी हम प्यार करते हैं |
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