Friday, 12 February 2016

जुर्म का हमेशा एक निशान रह जाता है


जुर्म का हमेशा एक निशान रह जाता है,
जो जमीन से जुड़ जाए इंसान हो जाता है।
गलती हुई तो गलती अपनी मान ले और,
दूसरों को माफ कर दे जो, महान हो जाता है।
आगे बढ़ो तो औरों की मदद् और सम्मान करो,
फिर खुद--खुद मुकम्मल ये जहाँ हो जाता है।

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