बड़ी वफा से चाहा था जिसको
आज उस मोहब्बत ने हमको ठुकरा दिया,
क्या अंजाम होगा मेरी चाहत का
जिसपर किया भरोसा उसीने गुमराह किया,
उसके तसुव्वर में रहते थे हर वक़्त हम
बस इतना सा हमने गुनाह किया,
दुआ करते थे जिसके आबाद होने की
उसी ने आज हमको बर्बाद किया |
आज उस मोहब्बत ने हमको ठुकरा दिया,
क्या अंजाम होगा मेरी चाहत का
जिसपर किया भरोसा उसीने गुमराह किया,
उसके तसुव्वर में रहते थे हर वक़्त हम
बस इतना सा हमने गुनाह किया,
दुआ करते थे जिसके आबाद होने की
उसी ने आज हमको बर्बाद किया |
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