Monday, 22 February 2016

बड़ी वफा से चाहा था जिसको



बड़ी वफा से चाहा था जिसको
आज उस मोहब्बत ने हमको ठुकरा दिया,
क्या अंजाम होगा मेरी चाहत का
जिसपर किया भरोसा उसीने गुमराह किया
,
उसके तसुव्वर में रहते थे हर वक़्त हम
बस इतना सा हमने गुनाह किया
,
दुआ करते थे जिसके आबाद होने की
उसी ने आज हमको बर्बाद किया
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