सच्चा प्यार उसको कभी नसीब ना हो,
मेरे जैसा दुनिया में कोई गरीब ना हो,
तडपती रहे वो उम्रभर अकेली,
कभी भी उसके कोई करीब ना हो
ठोकर लगे उसे हर एक कदम पर,
मंजिल के जब भी करीब वो हो
याद आए उसको हरपल मेरी,
मैं मिल जाऊं ऐसा उसका नसीब ना हो
रह सके वो अपनी बस्ती में सलामत,
ऐसा भी उसका कोई रकीब ना हो
मैय्यत में उसकी कोई भी ना जाये,
ख़ुदा करे उसको कान्धा कोई नसीब न हो
मेरे जैसा दुनिया में कोई गरीब ना हो,
तडपती रहे वो उम्रभर अकेली,
कभी भी उसके कोई करीब ना हो
ठोकर लगे उसे हर एक कदम पर,
मंजिल के जब भी करीब वो हो
याद आए उसको हरपल मेरी,
मैं मिल जाऊं ऐसा उसका नसीब ना हो
रह सके वो अपनी बस्ती में सलामत,
ऐसा भी उसका कोई रकीब ना हो
मैय्यत में उसकी कोई भी ना जाये,
ख़ुदा करे उसको कान्धा कोई नसीब न हो
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