प्यार के दर्द से चल
रही है ज़िन्दगी,
बूंद बूंद बर्फ जैसे पिघल रही है ज़िन्दगी
एक वादा था जो अंजाम तक ना पहुँच सका,
मौत के सांचे में अब ढल रही है ज़िन्दगी
मेरे सनम काश तू मुझको समझ लेता ,
अब रेत की तरह हाथ से फिसल रही है ज़िन्दगी
किस हक से अब तुझको पुकारूं ये बता,
शर्म के बोझ तले अब दब रही है ज़िन्दगी
कुछ गलतियाँ तेरी हैं कुछ खता मेरी भी है,
टुकड़ो-टुकड़ो में अब मेरी बंट रही है ज़िन्दगी
जहा भी रहना तू रहना सलामत,
तेरी बढ़ रही है मेरी घट रही है ज़िन्दगी
तू अपनी ज़िन्दगी संवार मेरे कुसूर न गिन,
जैसे तैसे चल रही है, मेरी चल रही है ज़िन्दगी
क्यूँ फर्क पड़ता है तुझे मेरे बर्बाद होने से,
जो तेरी थी अब वो मेरी हो रही है ज़िन्दगी
है तुझसे इश्क़ मुझे अब भी मेरे सनम,
पर तेरे लिए अब बोझ, मेरी हो रही है ज़िन्दगी
तुम ना रोना एक दिन मर जायेगा ‘प्रवेश’,
मौत है सस्ती, यहाँ महंगी बहूत हो रही है ज़िन्दगी
बूंद बूंद बर्फ जैसे पिघल रही है ज़िन्दगी
एक वादा था जो अंजाम तक ना पहुँच सका,
मौत के सांचे में अब ढल रही है ज़िन्दगी
मेरे सनम काश तू मुझको समझ लेता ,
अब रेत की तरह हाथ से फिसल रही है ज़िन्दगी
किस हक से अब तुझको पुकारूं ये बता,
शर्म के बोझ तले अब दब रही है ज़िन्दगी
कुछ गलतियाँ तेरी हैं कुछ खता मेरी भी है,
टुकड़ो-टुकड़ो में अब मेरी बंट रही है ज़िन्दगी
जहा भी रहना तू रहना सलामत,
तेरी बढ़ रही है मेरी घट रही है ज़िन्दगी
तू अपनी ज़िन्दगी संवार मेरे कुसूर न गिन,
जैसे तैसे चल रही है, मेरी चल रही है ज़िन्दगी
क्यूँ फर्क पड़ता है तुझे मेरे बर्बाद होने से,
जो तेरी थी अब वो मेरी हो रही है ज़िन्दगी
है तुझसे इश्क़ मुझे अब भी मेरे सनम,
पर तेरे लिए अब बोझ, मेरी हो रही है ज़िन्दगी
तुम ना रोना एक दिन मर जायेगा ‘प्रवेश’,
मौत है सस्ती, यहाँ महंगी बहूत हो रही है ज़िन्दगी
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