Monday, 21 December 2015

बैचेन हूँ तेरे प्यार में मैं जिस तरह

बैचेन हूँ तेरे प्यार में मैं जिस तरह,
तडपे तू भी मेरे प्यार में उस तरह
दिन तो गुजर गया तेरी यादों में,
गमें-शब गुजारूँगा अब किस तरह
शराब न पीने के वादे पे कायम हूँ अब भी,
हिज्र के गम अब मिटाऊंगा किस तरह
छोड़कर गयी मुझे मझधार में अकेला,
तन्हा ये ज़िन्दगी अब बिताऊंगा किस तरह
साथ जीने मरने का वादा कर गया ‘प्रवेश’,
बिन उसके मौत गले लगाऊंगा किस तरह


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