Friday, 4 December 2015

दुआ है सब ठीक हो जाए

सोचा था ज़िन्दगी जियेंगे पर
ज़िन्दगी काटनी पड़ रही है,
मेरी ही ज़िन्दगी मेरे
अरमानों संग लड़ रही है
जवानी का हर खेलूँ
कितने अरमान थे दिल में मेरे,
तन्हाई और मज़बूरी ने अब
ले लिए हैं सात फेरे,
तन्हाई और मज़बूरी अब तो
हर वक़्त साथ में रहती हैं,
कभी मज़बूरी हमें भगाती है तो
कभी तन्हाई गले लगाती है
पैसों की अंधी दौड़ में
यारों दोस्तों के साथ छुट गए,
अरमान दिल में मरने लग गए
हम अन्दर ही अन्दर घुट गए |
जान पहचान सब खत्म हुई
रिश्ते नाते बदबूदार हो गए,
गलती करके भी है गर्दन ऊँची
देखो हम कितने खुद्दार हो गए
नई पीढ़ी को होश नहीं
हर वक़्त नशे में रहती है,
उनके लिए तो गंगा जमुना
दारु की बोतल में बहती है
शर्म हया सब खत्म हो गई
कलयुग के इस काल में,
दुआ है सब ठीक हो जाए
आने वाले नए साल में |


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