मयखाने में चलो आज महफ़िल सजाओ,
दिल में है दर्द बहूत, कुछ तो घटाओ
जाम पे जाम मुझे पीने दे साकी,
ना बहूत सुनी मैंने अब बहाना ना बनाओ
दौलत, मोहब्बत कुछ भी ना मिला मुझे,
ख़ुदा को मुझे तुम याद ना दिलाओ
घुल जाने दो तुम शराब में मुझको,
पीने की आदत अब मेरी न छुडाओ
मंदिर-मस्जिद मैंने इबादत भी की है,
मयखाने में अब तुम ग़ज़ल कोई सुनाओ
शराब में वफ़ा ही वफ़ा है साकी,
बेवफ़ा का नाम अब याद ना दिलाओ
एक कोना मयखाने में बख्श दो मुझको,
जाओ रकीबों शौक से मेरे घर को जलाओ
मेरे आशियाने में गम-ऐ-तन्हाई है,
मुझे मेरे घर का पता ना बताओ
मर जाने दो मुझे तडपते तडपते,
पत्थर दिल को मगर तुम न बुलाओ
कुछ दिनों का बस मेहमान है “प्रवेश”,
जी भरकर तब तक यारों शराब पिलाओ
दिल में है दर्द बहूत, कुछ तो घटाओ
जाम पे जाम मुझे पीने दे साकी,
ना बहूत सुनी मैंने अब बहाना ना बनाओ
दौलत, मोहब्बत कुछ भी ना मिला मुझे,
ख़ुदा को मुझे तुम याद ना दिलाओ
घुल जाने दो तुम शराब में मुझको,
पीने की आदत अब मेरी न छुडाओ
मंदिर-मस्जिद मैंने इबादत भी की है,
मयखाने में अब तुम ग़ज़ल कोई सुनाओ
शराब में वफ़ा ही वफ़ा है साकी,
बेवफ़ा का नाम अब याद ना दिलाओ
एक कोना मयखाने में बख्श दो मुझको,
जाओ रकीबों शौक से मेरे घर को जलाओ
मेरे आशियाने में गम-ऐ-तन्हाई है,
मुझे मेरे घर का पता ना बताओ
मर जाने दो मुझे तडपते तडपते,
पत्थर दिल को मगर तुम न बुलाओ
कुछ दिनों का बस मेहमान है “प्रवेश”,
जी भरकर तब तक यारों शराब पिलाओ
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