तूने जब से मुझको छुआ है
कोई भी सपर्श अच्छा नहीं लगता,
झूठा-झूठा सा लगता है
मुझे तेरे सिवा हरेक रिश्ता
तेरे ख्यालों के साथ मैं
हर वक़्त रहना चाहता हूँ,
इसलिए दो मिनट की दूरी मैं
दस मिनट में तय करता हूँ
तेरे मेरे बीच जो आए
मुझे दुश्मन नजर आता है,
मैं कोशिश करता हूँ तुझे भुलाने की
मगर दिल भूले नहीं भूलाता है
ये तेरा मेरा रिश्ता अब
जाने क्या-क्या रंग दिखलायेगा,
मुझको तो ये जानना है कि
कौन इसे अपनाएगा और कौन ठुकराएगा
तू इक अकेली मेरी ताकत है
तू दामन अपना मुझसे छुड़ा ना लेना,
तू साथ रहना हर घड़ी, हर वक़्त
चाहे दोस्त बने या दुश्मन बने ज़माना
कोई भी सपर्श अच्छा नहीं लगता,
झूठा-झूठा सा लगता है
मुझे तेरे सिवा हरेक रिश्ता
तेरे ख्यालों के साथ मैं
हर वक़्त रहना चाहता हूँ,
इसलिए दो मिनट की दूरी मैं
दस मिनट में तय करता हूँ
तेरे मेरे बीच जो आए
मुझे दुश्मन नजर आता है,
मैं कोशिश करता हूँ तुझे भुलाने की
मगर दिल भूले नहीं भूलाता है
ये तेरा मेरा रिश्ता अब
जाने क्या-क्या रंग दिखलायेगा,
मुझको तो ये जानना है कि
कौन इसे अपनाएगा और कौन ठुकराएगा
तू इक अकेली मेरी ताकत है
तू दामन अपना मुझसे छुड़ा ना लेना,
तू साथ रहना हर घड़ी, हर वक़्त
चाहे दोस्त बने या दुश्मन बने ज़माना
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