एक बार पड़ गया मुझे एक जयन्ती में जाना,
वहां पर थे जंतुओं के प्रकार नाना-नाना
बुजुर्गों से लेकर कॉलेज के विधार्थी युवा
टेंट कुर्सियों का था बंदोबस्त पंखे दे रहे थे हवा,
हर बुजुर्ग के हाथ में थी गेंदे के फूलों की माला
जिसे था उन्हें किसी की प्रतिमा पर चढ़ाना
अजीब होती है ये जयंती की दास्तान
लोग माला लिए मौन खड़े होते हैं
जो कल मरा है उसे भूलकर
सालों पहले मरे हुए को रोते हैं
कहते है समय नहीं किसी के पास
और ये वाहियात तरीके से समय खोते हैं
फिर एक नोजवान आया मंच पर
बोला हम बुजुर्ग और तुम युवा हो,
हमारे पास तो बस कानून है,
तुम्हारे पास जोश और जूनून है
तुम्ही देश के आने वाले नेता हो
कहने वाले ये क्यूँ भूल जाते हैं
वे भी कभी युवा थे
बुजुर्ग तो बाद में होते हैं
भीड़ बुलाने का उनका अंदाज़ था निराला
क्योंकि अखबार में था उनको अपना फोटो छपवाना
और कहते हैं हमने जयंती मनाई
उनकी याद में हमारी आँख भर आई
इस तरह से वो ढोंग रचाते
घर जाते ही बीवी से लड़ते और बाहर,
शांति से रहने का आश्वासन दे जाते |
अगर आज होती पूंछ आदमी के पास
और मेरे पास कुछ जादू ख़ास
मैं ऐसे आदमियों की पूंछ में आग लगाता
और कहता, जयंती तुम बाद में बनाओ
अगर है तुम्हारे पास हुनर तो
हनुमान की तरह आग बुझाओ |
वहां पर थे जंतुओं के प्रकार नाना-नाना
बुजुर्गों से लेकर कॉलेज के विधार्थी युवा
टेंट कुर्सियों का था बंदोबस्त पंखे दे रहे थे हवा,
हर बुजुर्ग के हाथ में थी गेंदे के फूलों की माला
जिसे था उन्हें किसी की प्रतिमा पर चढ़ाना
अजीब होती है ये जयंती की दास्तान
लोग माला लिए मौन खड़े होते हैं
जो कल मरा है उसे भूलकर
सालों पहले मरे हुए को रोते हैं
कहते है समय नहीं किसी के पास
और ये वाहियात तरीके से समय खोते हैं
फिर एक नोजवान आया मंच पर
बोला हम बुजुर्ग और तुम युवा हो,
हमारे पास तो बस कानून है,
तुम्हारे पास जोश और जूनून है
तुम्ही देश के आने वाले नेता हो
कहने वाले ये क्यूँ भूल जाते हैं
वे भी कभी युवा थे
बुजुर्ग तो बाद में होते हैं
भीड़ बुलाने का उनका अंदाज़ था निराला
क्योंकि अखबार में था उनको अपना फोटो छपवाना
और कहते हैं हमने जयंती मनाई
उनकी याद में हमारी आँख भर आई
इस तरह से वो ढोंग रचाते
घर जाते ही बीवी से लड़ते और बाहर,
शांति से रहने का आश्वासन दे जाते |
अगर आज होती पूंछ आदमी के पास
और मेरे पास कुछ जादू ख़ास
मैं ऐसे आदमियों की पूंछ में आग लगाता
और कहता, जयंती तुम बाद में बनाओ
अगर है तुम्हारे पास हुनर तो
हनुमान की तरह आग बुझाओ |
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