शिक्षा का भी स्तर गिर गया,
शिक्षकों का भी मान घट गया
बेकसुर हैं, युवाओं को दोष ना दो,
स्कूलों में भी भ्रष्टाचार बढ़ गया
नैतिक मूल्य भी भूल गए सब,
संस्कारों का पाठ कहीं खो गया
हर्फ़ों से अपरिचितों को खुश देखा तो,
मैं अपनी डिग्रियां देखकर रो गया
रिश्वतखोरी ने डामाडोल किया सब,
गंवार था जो शिक्षक भर्ती हो गया
भविष्य देश का खतरे में है,
मार्गदर्शक था जो अब खुदगर्जी हो गया
बेफिक्र रहने की कोशिश करेगा ‘प्रवेश’,
हालात ठीक करना अब सरदर्दी हो गया
शिक्षकों का भी मान घट गया
बेकसुर हैं, युवाओं को दोष ना दो,
स्कूलों में भी भ्रष्टाचार बढ़ गया
नैतिक मूल्य भी भूल गए सब,
संस्कारों का पाठ कहीं खो गया
हर्फ़ों से अपरिचितों को खुश देखा तो,
मैं अपनी डिग्रियां देखकर रो गया
रिश्वतखोरी ने डामाडोल किया सब,
गंवार था जो शिक्षक भर्ती हो गया
भविष्य देश का खतरे में है,
मार्गदर्शक था जो अब खुदगर्जी हो गया
बेफिक्र रहने की कोशिश करेगा ‘प्रवेश’,
हालात ठीक करना अब सरदर्दी हो गया
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