Friday, 11 December 2015

दोनों के दिल धड़क रहे थे

एक दूसरे को लगे खींचने
आँखों ही आँखों में,
प्रेम कहानी शुरू हुई
बातों ही बातों में,
छुआ एक-दुसरे को दोनों ने
हाथों ही हाथों में
रस था होंठों पर
होंठों से लग गए पीने
दोनों के दिल धड़क रहे थे
साथ धड़क रहे थे सीने
दो पहाड़ों के बीच से
युवक नीचे लगा उतरने,
नीचे था एक पवन झरना
युवक उसमे लगा तैरने
युवती का दिल काँप रहा था
युवक को लगी वो रोकने,
वो भी था अपनी अकड में
युवती को लग गया डांटने
वो भी जब ना मानी तो
युवक को गुस्सा लगा आने,
उसने आव देखा ना ताव
लग गया अपनी अकड़ निकालने
गुस्सा जब उसका शांत हुआ
तब वो लग गया मुरझाने,
युवती को आया गुस्सा
अब वो भी लग गई अकड़ने
युवक बेचारा क्या करता
था वो मुरझाया मुरझाया,
युवतियों को तो वो भी ना हरा पाया
जिसने है स्रष्टि को बनाया


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