दिल मेरा टूटा और
चकनाचूर हो गया ,
इस कदर उसे खुदपर गुरुर हो गया
कहीं शमा जली कहीं जल गया परवाना ,
हर कोई यहाँ पर मगरूर हो गया
जब देखा ख़ुदा ने नहीं इंसानियत यहाँ पर,
वो अपनी बनाई दुनिया से ही दूर हो गया
इस कदर उसे खुदपर गुरुर हो गया
कहीं शमा जली कहीं जल गया परवाना ,
हर कोई यहाँ पर मगरूर हो गया
जब देखा ख़ुदा ने नहीं इंसानियत यहाँ पर,
वो अपनी बनाई दुनिया से ही दूर हो गया
Parvesh Kumar
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