शायरी की दूनिया में
कच्चा हूँ मैं,
अभी कमउम्र छोटा बच्चा हूँ मैं
झूठी सनसनीयों की दौड़ लगी है,
पर खबरी अभी सच्चा हूँ मैं,
खुशियों की दूकान पर हूँ,
लेकिन गम के बादलों का गुच्छा हूँ मैं
अभी कमउम्र छोटा बच्चा हूँ मैं
झूठी सनसनीयों की दौड़ लगी है,
पर खबरी अभी सच्चा हूँ मैं,
खुशियों की दूकान पर हूँ,
लेकिन गम के बादलों का गुच्छा हूँ मैं
Parvesh Kumar
No comments:
Post a Comment