Friday, 27 November 2015

ये तेरा और मेरा रिश्ता

तेरा सफ़र मेरा सफ़र
तू कितना खुबसूरत है हमसफ़र,
मुझपर डाल तू इक नजर
तेरा भी दिल चाहे अगर
मैं करना चाहुँ तुझसे प्यार
गर मुझपे हो ऐतबार,
मैं करना चाहूँ इश्क़-ए-करार
दिल मेरा है बेक़रार
प्यार है तो सब है सही
प्यार नहीं तो तू नहीं, मैं नहीं,
और ये सारा जहाँ नहीं
महापुरुषों ने ये बात कही |
इंतजार करूँ मैं कितना तेरा
मेरा सबकुछ है अब तेरा,
मुझे नहीं अब शुकून कहीं
तेरे दिल में चाहूँ मैं बसेरा
अब तक चुप क्यूँ है तू
अब तेरा मेरा ना कर तू,
अब तेरा मेरा है हमारा
मेरे जैसा ना पायेगी तू
ख़ुदा ने मुझको भेजा है
ऐसे ही कोई किसी से नहीं मिलता,
फूल और खुशबू जैसा है
ये तेरा और मेरा रिश्ता


Parvesh Kumar

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