Tuesday, 10 November 2015

तुझे नींद कहाँ फिर आएगी


जीवन है वरदान ख़ुदा का
खेल न खेलो इसके साथ,
दौलत के पीछे भागने से तो
प्यार भी ना आयेगा तेरे हाथ.
सोने चांदी के बर्तनों में
ज़िन्दगी भर नहीं खाया जाता,
जो है तकदीर में वो ही मिलेगा
हर चीज के लिए मन नहीं ललचाया जाता.
गर जानते हो मेहनत करना तो
सब कुछ मिलेगा इस धरती पर, 
गर लालच में जीते रहे तो
लकड़ी तक ना मिलेगी अर्थी पर.
गर दौलत मिल गई बिन मेहनत तो
तुझे नींद कहाँ फिर आएगी,
उठ उठ कर रातों में तू
नींद की गोलियाँ खाएगी.
पैसों के पीछे भाग मत तू
ख्वाहिशें तेरी बढ़ जाएगी,
पैसों का क्या करेगी तू
जब अपनों से दुरी बढ़ जाएगी.
बात ये तू ध्यान रखना
समझाऊंगा नहीं हर बार मैं,
कोशिश करले पैसों से बेशक
पर ज़िन्दगी चलती है प्यार से.
पैसों के पीछे पागल होकर
सबको पछतावा होता है,
ऊँची हो दूकान जहाँ पर
वहां फीका पकवान होता है


Parvesh Kumar

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