Friday, 6 November 2015

मुझे बेशक भुला देना मगर


मुझे बेशक भुला देना मगर
मेरा नाम याद रखना,
लाखों मिलेंगे मुझसे अच्छे
मुझसा ना मिलेगा कोई
मेरा ये पैगाम याद रखना.
और अगर कही मुलाकात हो जाये
सफ़र-ए-ज़िन्दगी में तो
नजर ना चुराना, सिर्फ
नजरों से नजरों का सिलसिला याद रखना.
होती है कद्र क्या मोहब्बत की
ये वक़्त तुझे सिखा ही देगा,
करते नहीं आजमाइश यूँ
सरे-आम प्यार की
इस दीवाने की ये बात याद रखना.
तू आज़ाद रहे हरेक गम से ज़िन्दगी भर,
किसी ने मांगी है तेरे लिए
ये फ़रियाद याद रखना.
मुझे बेशक भुला देना मगर
मेरा नाम याद रखना,
लाखों मिलेंगे मुझसे अच्छे
मुझसा ना मिलेगा कोई
मेरा ये पैगाम याद रखना


Parvesh Kumar

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